रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी, रिजर्व बैंक उसके लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने निजी क्षेत्र को आगे बढ़कर अर्थव्यवस्था में सुधार की गति बढ़ाने में योगदान देने के लिए कहा है।
कोनोना की मार से जूझ रही अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के प्रयास में लगे रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहाना था कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए जो आवश्यकता होगी, रिजर्व बैंक उसके लिए पूरी तरह तैयार है। उद्योग संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
दास का कहना था कि आरबीआई की ओर से लगातार बड़ी मात्रा में नकदी की उपलब्धता कराए जाने से सरकार के लिए कम दर पर और बिना किसी परेशानी के बड़े पैमाने पर उधारी सुनिश्चित हो पाई है। पिछले एक दशक में यह पहला मौका है जब उधारी लागत इतनी कम हुई है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक नकदी की उपलब्धता से सरकार की उधारी लागत बेहद कम बनी हुई है और इस समय बॉन्ड प्रतिफल पिछले 10 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर हैं।
निजी क्षेत्र की अहम भूमिका
आरबीआई गवर्नर का कहना था कि जीडीपी के आंकड़ों से अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभाव का असर दिखाई देता है। कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था की गति तेज करने के लिए निजी क्षेत्र को अनुसंधान एवं नवोन्मेष, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कहा है। ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था में अधिक तेजी देखने को मिले।